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Sat Nov 26 2016
परमेश्वर और उनके भक्तों मे बीच कोई भी एजंट नहीं होता। हर किसी की कतार परमात्मा के पास, सद्गुरु के पास अलग-अलग ही होती है। मुझे किसी अन्य की कतार में घुसना नहीं है और कोई और मेरी कतार में घुस नही सकता है। मेरे लिए जो कुछ भी करना है, वह परमात्मा ही कर सकते हैं।