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Category सद्गुरु
Thu Nov 24 2016
जब तक मैं प्रेम करने की कला नहीं सीखता हूँ, तब तक जो प्रेम का महासागर है और सत्य, प्रेम एवं आनंद ये ही केवल जिसके गुण हैं, उस गुरुतत्त्व / सद्गुरुतत्त्व को मैं पहचान ही नहीं सकता।