Categories: Parmeshwar, Krupa, Bhakti, Featured Posts,

Sat Nov 26 2016
जितने प्रमाण में भक्ति, उतने ही प्रमाण में शांति, और जितने प्रमाण में शांतता उतने ही प्रमाण में स्थिरता, उतने ही प्रमाण में परमेश्वरी कृपा; अर्थात जितने प्रमाण में भक्ति, उतने ही प्रमाण में परमेश्वरी कृपा।