Categories: Parmeshwar, Sadguru, ,
Sat Feb 11 2017
कोई चीज मुझे यदि किसी से किसी कारणवश मुफ्त में मिल गयी और मैं उसे लेने से इनकार नहीं कर सकता हूं, तो उस चीज के जितना मूल्य या उन मूल्यों के जितने परिश्रम मुझे परमेश्वर के चरणों में अर्पण करने आना चाहिए।