जितने प्रमाण में भक्ति, उतने ही प्रमाण में शांति, और जितने प्रमाण में शांतता उतने ही प्रमाण में स्थिरता, उतने ही प्रमाण में परमेश्वरी कृपा; अर्थात जितने प्रमाण में भक्ति, उतने ही प्रमाण में परमेश्वरी कृपा।