‘स्वतन्त्रता’ का अर्थ ‘मनमानी करना’ नहीं है, बल्कि इसका अर्थ है, अपने मन से प्रेमपूर्वक अनुशासन का पालन करना और विचारों में लचीला होना।
माझे आहार, विहार, आचार, विचार कसे आहेत ह्यावरच माझ्यावरील परमेश्वराची कृपा अवलंबून असते
मेरा आहार, विहार, आचार, विचार कैसा है इस पर ही परमेश्वर की मुझ पर होने वाली कृपा निर्भर करती है।