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साक्षात् मृत्यु की अपेक्षा भी ‘शारीरिक एवं मानसिक क्लेश’ यही मानव पर सत्ता करने वाला वास्तविक तानाशाह है और इसका नाश ‘श्रीश्‍वासम्’ से होता है।

साक्षात् मृत्यु की अपेक्षा भी ‘शारीरिक एवं मानसिक क्लेश’ यही मानव पर सत्ता करने वाला वास्तविक तानाशाह है और इसका नाश ‘श्रीश्‍वासम्’ से होता है।

मानवाला मानवी प्रयत्नाने टाळता येऊ शकत नाहीत असे जे ३-४ प्रकारचे मृत्यु मानवाच्या आयुष्यामध्ये येऊ शकतात त्यांना आम्ही गंडांतर म्हणतो. हे परमेश्वरच टाळू शकतो म्हणजेच माझी भक्तीच टाळू शकते

मानवाला मानवी प्रयत्नाने टाळता येऊ शकत नाहीत असे जे ३-४ प्रकारचे मृत्यु मानवाच्या आयुष्यामध्ये येऊ शकतात त्यांना आम्ही गंडांतर म्हणतो. हे परमेश्वरच टाळू शकतो म्हणजेच माझी भक्तीच टाळू शकते

मानव जिन्हें मानवीय प्रयत्नों से नहीं टाल सकता, ऐसीं जो तीन-चार प्रकार की मृत्यु मनुष्य के जीवन में आ सकती हैं, उन्हें हम अपमृत्यु अथवा गंडांतर कहते हैं। इसे परमेश्वर ही टाल सकते हैं अर्थात मेरी भक्ति ही टाल सकती है।

मानव जिन्हें मानवीय प्रयत्नों से नहीं टाल सकता, ऐसीं जो तीन-चार प्रकार की मृत्यु मनुष्य के जीवन में आ सकती हैं, उन्हें हम अपमृत्यु अथवा गंडांतर कहते हैं। इसे परमेश्वर ही टाल सकते हैं अर्थात मेरी भक्ति ही टाल सकती है।