logo
  • Home
  • English
  • Hindi
  • Marathi
  • Tags
मन एवं बुद्धि जहाँ पर एकत्रित कार्य करते हैं ऐसा स्थान अर्थात अंत:करण। यही मनुष्य की सबसे बड़ी दौलत है क्योंकि अंत:करण ही मनुष्य को संपूर्ण शक्ति, सामर्थ्य दे सकता है।

मन एवं बुद्धि जहाँ पर एकत्रित कार्य करते हैं ऐसा स्थान अर्थात अंत:करण। यही मनुष्य की सबसे बड़ी दौलत है क्योंकि अंत:करण ही मनुष्य को संपूर्ण शक्ति, सामर्थ्य दे सकता है।

यदि अन्याय का प्रतिकार करना हो तो, इसके लिए पहले मन, शरीर एवं बुद्धि से हमें समर्थ बनना चाहिए।

यदि अन्याय का प्रतिकार करना हो तो, इसके लिए पहले मन, शरीर एवं बुद्धि से हमें समर्थ बनना चाहिए।

जीवन में हुई गलतियों पर मन:पूर्वक गौर करके उन्हें सुधारने के दृढ़ निश्चय का मार्ग अर्थात प्रायश्चित। मन, बुद्धि और कृति इन तीनों का भी शुद्धीकरण अर्थात प्रायश्चित।

जीवन में हुई गलतियों पर मन:पूर्वक गौर करके उन्हें सुधारने के दृढ़ निश्चय का मार्ग अर्थात प्रायश्चित। मन, बुद्धि और कृति इन तीनों का भी शुद्धीकरण अर्थात प्रायश्चित।