‘स्वतन्त्रता’ का अर्थ ‘मनमानी करना’ नहीं है, बल्कि इसका अर्थ है, अपने मन से प्रेमपूर्वक अनुशासन का पालन करना और विचारों में लचीला होना।
‘स्वातंत्र्य’ म्हणजे मनाला वाटेल तसे वागणे नव्हे, तर स्वतःच्या मनाने प्रेमाने शिस्त पाळणे व विचारांत लवचिक असणे