साक्षात् मृत्यु की अपेक्षा भी ‘शारीरिक एवं मानसिक क्लेश’ यही मानव पर सत्ता करने वाला वास्तविक तानाशाह है और इसका नाश ‘श्रीश्वासम्’ से होता है।