मन एवं बुद्धि जहाँ पर एकत्रित कार्य करते हैं ऐसा स्थान अर्थात अंत:करण। यही मनुष्य की सबसे बड़ी दौलत है क्योंकि अंत:करण ही मनुष्य को संपूर्ण शक्ति, सामर्थ्य दे सकता है।