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सूर्य पर मिट्टी फेंकने वाले मानव का प्रतिशोध सूर्य नहीं लेता; उलटे मानव की ही आँखों में मिट्टी जाकर उसे क्षति पहुँचती है।

सूर्य पर मिट्टी फेंकने वाले मानव का प्रतिशोध सूर्य नहीं लेता; उलटे मानव की ही आँखों में मिट्टी जाकर उसे क्षति पहुँचती है।

साक्षात् मृत्यु की अपेक्षा भी ‘शारीरिक एवं मानसिक क्लेश’ यही मानव पर सत्ता करने वाला वास्तविक तानाशाह है और इसका नाश ‘श्रीश्‍वासम्’ से होता है।

साक्षात् मृत्यु की अपेक्षा भी ‘शारीरिक एवं मानसिक क्लेश’ यही मानव पर सत्ता करने वाला वास्तविक तानाशाह है और इसका नाश ‘श्रीश्‍वासम्’ से होता है।

साक्षात मृत्यूपेक्षाही ‘शारीरिक व मानसिक क्लेश’ हाच मानवावर सत्ता गाजविणारा खरा हुकूमशाह आहे आणि ह्याचा नाश ‘श्रीश्‍वासम्’ने होतो.

साक्षात मृत्यूपेक्षाही ‘शारीरिक व मानसिक क्लेश’ हाच मानवावर सत्ता गाजविणारा खरा हुकूमशाह आहे आणि ह्याचा नाश ‘श्रीश्‍वासम्’ने होतो.

मानव का आनंद यह सिर्फ घटना या क्रिया पर निर्भर नहीं होता है, बल्कि उस घटना की इष्टता या अनिष्टता पर निर्भर होता है।

मानव का आनंद यह सिर्फ घटना या क्रिया पर निर्भर नहीं होता है, बल्कि उस घटना की इष्टता या अनिष्टता पर निर्भर होता है।