उच्च ध्येय की प्राप्ति करने वाले हर एक को इन पाँच अवस्थाओं से गुजरना ही पड़ता है -1) उपहास, 2) उपेक्षा 3) गालियाँ-शाप 4) दमनतन्त्र 5) प्रखर विरोध; और उसके बाद ही प्रतिष्ठा मिलती है।
उच्च ध्येय प्राप्त करताना प्रत्येकाला पुढील पाच अवस्थांमधून जावेच लागते - 1) कुचेष्टा 2) उपेक्षा 3) शिव्याशाप 4) दडपशाही 5) प्रखर विरोध; आणि मगच प्रतिष्ठा मिळते.