जीवन में हुई गलतियों पर मन:पूर्वक गौर करके उन्हें सुधारने के दृढ़ निश्चय का मार्ग अर्थात प्रायश्चित। मन, बुद्धि और कृति इन तीनों का भी शुद्धीकरण अर्थात प्रायश्चित।